कहते हैं बच्चा कैसा भी हो लेकिन मां बाप अपने बच्चों से प्यार करना कभी नहीं छोड़ते अगर बच्चा विकलांग भी जन्म लेता है तो भी मां-बाप नहीं चाहते कि उनका बच्चा उनसे दूर हो या उन्हें कोई तकलीफ हो वह अपने विकलांग बच्चे के लिए सारे जरूरतों को पूरा करते हैं। आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे माता-पिता के बारे में बताएंगे। जिन्होंने अपने बेटे को किन्नर के रूप में देखकर उसे छोड़ दिया।
किन्नर के रूप में बच्चे को अपनाने से किया मना
दरअसल बच्चे के जन्म के कुछ समय बाद बच्चे के माता-पिता को पता चला कि उनका बच्चा एक किन्नर है। इस बात को जाने के बाद बच्चे के माता-पिता ने उस बच्चे को अपनाने से मना कर दिया। जिस बच्चे को मां बाप ने किन्नर समझ कर छोड़ दिया था आज उसी बच्चे ने दुनिया का पहला ट्रांसजेंडर पायलट बन कर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिखाया।
देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट
इस शख्स का नाम एडम हैरी है जो देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट है। जानकारी कल आपको बता दें एडम हैरी के माता पिता को जब पता चला कि उनका बेटा ट्रांसजेंडर है तो उन्होंने अपने बेटे को घर से निकाल दिया।घर से निकाले जाने के बाद मैडम के पास अपना जीवन व्यतीत करने के लिए ना तो पैसे थे और ना ही रहने के लिए कोई साधन। उसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और फुटपाथ पर सो कर रात गुजारी।
बचपन से पायलट बनने का था सपना
एडम का बचपन है सपना था कि वह बालक बने जिसके लिए उन्होंने प्राइवेट पायलट लाइसेंस का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद साल 2017 में उन्हें यह लाइसेंस मिल गया। जानकारी के लिए आपको बता दें एडम के पास खर्चा पानी निकालने के पैसे भी नहीं होते थे इसलिए उन्होंने एक जूस की दुकान पर काम किया और अपना भरण पोषण किया। इसके बाद उन्होंने सोशल जस्टिस विभाग में पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाई इसके बाद उन्हें एविएशन एकेडमी ज्वाइन करने की सलाह दी गई।
केरल सरकार ने किया मदद
एडम के सपनों को सच करने के लिए केरल सरकार ने उन्हें 22 लाख 34 हजार की स्कॉलरशिप दी। जिसकी सहायता से वह कमर्शियल पायलट बन सके जिस माता पिता ने उन्हें किन्नर के रूप में देख कर घर से निकाला था ।आज उसी बेटे ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया।