Thursday, May 9th, 2024

एक हीरा व्यापारी बने 300 बेटियों के लिये मसीहा, पिता का साया खो चुकी बेटियों की करवाएंगे सामूहिक विवाह!

अब तक आपने सुना होगा कि जिन भी बेटियों के पिता गुजर जाते हैं उनकी शादी उनके चाचा, मामा या नाना करवाते हैं, परंतु यहां एक अनजान शख्स ने अकेले 300 बेटियों की शादी कराने का लिया जिम्मेदारी तो आइए जानते हैं कौन है यह महान शख्स।

सूरत के हीरा व्यापारी महेश सवाणी

सूरत के हीरा व्यापारी महेश सवाणी  जो हर साल पिता का साया खो चुके बेटियों के शादी कराने का आयोजन करते हैं इस साल भी ‘चुनरी महियर’ के नाम से सामूहिक विवाह कराने जा रहे हैं। जिसमें 300 बेटियों का विवाह होना है।

आने वाले 4-5 दिसंबर को होने वाले सामूहिक विवाह समारोह के संबंध में शनिवार- रविवार को बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में 2 दिन में 240 बेटियां अपनी मां और रिश्तेदार के साथ बैठक में शामिल हुई थी।

उस बैठक में अपने पिता को खो चुके जितनी भी बेटियां शामिल थी अपने शादी का सपना साकार होते देख उनके आंख से आंसू छलक आई। जानकारी के अनुसार, पीपी सवाणी परिवार द्वारा वर्ष 2008 से अलग-अलग राज्यों जातियों और धर्मों की बेसहारा बेटियों का सामूहिक विवाह कराया जाता है।

इस सामूहिक विवाह का कार्यक्रम अब्रामा में आयोजित होता है। इस साल विवाह का कार्यक्रम 4 और 5 दिसंबर को रखा गया है। शनिवार रविवार को हुई बैठक में कुछ बढ़िया अपने मां के साथ मौजूद थी तो कुछ वीडियो के माता-पिता दोनों ही जीवित नहीं थे इस बैठक में कई भावुक दृश्य देखने को भी मिले।

 शादी समारोह में गाइडलाइन का पालन

शादी समारोह में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। अगर ऐसा संभव नहीं हो पाए तो हर बेटी की शादी उसके घर पर करवाएंगे आयोजक महेश सवानी।

यह समारोह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है फिर भी हर बार की तरह इस बार भी भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं को बुलाया जाएगा। शादी में आने वाले सभी नेताओं का स्वागत किया जाएगा।

बेटियों के लिए बेहद भावुक पल

रिद्धि पटेल जो की पीपी सवाणी ग्रुप से जुडी हुई है वह बताती है कि सामूहिक विवाह की तैयारियां शुरू हो गई है।  शनिवार को ही बैठक में मौजूद बेटियां माता-पता का जिक्र करते हुए भावुक होकर रोने लगी उन्हें रोते देख बैठक में मौजूद सभी लोग भावुक हो गए।

रिद्धि ने बताया कि संस्था द्वारा पूरी कोशिश की जाती है कि शादी समारोह में बेटियों को अपने माता-पिता की कमी न खले  इसलिए शादी के दौरान घर में होने वाले जितने भी रस्म होते हैं वह यहां भी अदा की जाती है शादी में उनके परिवार और रिश्तेदारों को भी शामिल किया जाता है ताकि वह खुद को अकेला महसूस ना कर पाए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *