Wednesday, May 15th, 2024

5 साल के लम्बे संघर्ष के बाद IPS अफसर की बेटी बनी IAS ऑफिसर, 2 बार फेल होने के बाद मिली UPSC Exam में सफलता

सिविल सर्विसेज की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षा में से एक है।इस परीक्षा को क्रैक करना अपने आप में ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। हर साल 2 बार इस परीक्षा का आयोजन होता है जिसमें लाखों की संख्या में विद्यार्थी परीक्षा में बैठते हैं इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

सफलता को वही पा सकते हैं जो अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ होते हैं इसमें किसी को एक बार में सफलता मिल जाती है तो किसी को 5 बार में भी नहीं मिल पाती परंतु इससे निराश होकर उम्मीद छोड़ देने से बेहतर है निरंतर प्रयास करते रहना ऐसे ही कहानी है गुंजन द्विवेदी की जो दो बारिश में असफलता के बावजूद सफल होने का दृढ़ निश्चय किया और यूपीएससी परीक्षा को पास कर एक मिसाल कायम की। आइए जानते हैं गुंजन द्विवेदी के इस सफलता के बारे में।

IAS ऑफिसर गुंजन द्विवेदी

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले से ताल्लुक रखती है गुंजन द्विवेदी इनके पिता का नाम अशोक कुमार धर द्विवेदी है जो कि एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी है। गुंजन द्विवेदी की बहन उमंग द्विवेदी भी कमर्शियल टैक्स अधिकारी है और भाई समनव्य द्विवेदी एक एडवोकेट है। गुंजन द्विवेदी की पूरी फैमिली एक वेल एजुकेटेड फैमिली है। गुंजन द्विवेदी शुरू से ही पढ़ाई को ज्यादा महत्व देती रही है उनका बचपन ऑफिसर्स के बीच ही बीता है।

जिससे उनके मन में बचपन से ही ऑफिसर बनने की चाहत थी।गुंजन बचपन से ही पढ़ाई में आई थी उन हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में अच्छे अंक से पास हुई थी। साल 2014 में गुंजन दिल्ली यूनिवर्सिटी के दौलत राम कॉलेज से राजनीति शास्त्र विषय में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया फिर भी सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गई। गुंजन द्विवेदी बहुत ही मेहनती और हार न मानने वाली लड़की है।

प्रीलिम्स में दो बार मिली असफलता

यूपीएससी परीक्षा में 3 भाग होते हैं पहला प्रिलिम्स दूसरा मुख्य परीक्षा और तीसरा इंटरव्यू गुंजन द्विवेदी ने अपने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अपने भाई के चेंबर को स्टडी रूम में बदल दिया था उन्होंने प्रीवियस ईयर के पेपर मॉक टेस्ट और सेल्फ स्टडी के जरिए इस परीक्षा की तैयारी करती रही लेकिन सभी को पता है कि यूपीएससी इतना सरल नहीं है पहले प्रीलिम्स परीक्षा के दो प्रयासों में गुंजन सफल ना हुई उसके बावजूद उन्होंने इस असफलता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और फिर से प्रयास में जुट गई है।

अपने अनुभव को साझा किया

अपने upsc की तैयारी को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट पर ध्यान दिया। उनका कहना है कि जरूरी नहीं कि ऊपर से के तैयारी के लिए हर 20 घंटे पढ़ा जाए जरूरत है तो सिर्फ अच्छे मन से ध्यान देना। यदि आप पूरे कंसंट्रेट हो कर 5 से 6 घंटे भी पढ़ते हैं तो सफलता मिल सकती है। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी और खुद को इंटरव्यू के लिए तैयार करने के लिए स्वयं को मोटिवेट करने के लिए आईएएस ऑफिसर के इंटरव्यू भी देखा करती थी। जिनसे वह खुद को काफी एनर्जेटिक महसूस करती थी।

प्रार्थना और परिश्रम से बनी आईएएस अधिकारी

गुंजन अपने मेहनत और परिश्रम के बल पर आखिरकार तीसरे प्रयास में जो यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुई साल 2018 में उन्हें ऑल इंडिया में 9 वीं रैंक मिली इसके साथ हुआ एक आईएएस अधिकारी के लिए चुनी गई। उनका देश के सबसे बड़े ऑफिसर बनने का सपना पूरा हुआ। गुंजन का कहना है कि सपने पूरे करने के लिए रातों को नींद का समर्पण करना होता है। गुंजन द्विवेदी के इष्ट देव हनुमानजी हैं इस दौरान वह असफल हो रही थी दोनों ने हनुमान जी से प्रार्थना की और उसी प्रार्थना का फल आज उन्हें मिला है।

IAS Aspirant को गुंजन का संदेश

किसी की तारीफ करने वाले छात्र को गुंजन का संदेश देना चाहती है कि यह परीक्षा कोई असल परीक्षा नहीं है कुछ के लिए एक रणनीति की जरूरत होती है उस रणनीति का मुख्य हिस्सा किताबें है। इसलिए परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी एनसीईआरटी की किताबों पर अपनी पकड़ बनाए रखें मुख्य परीक्षा के लिए लगातार उत्तर को लिखते रहें। आगे उन्होंने कहा हौसला को बुलंद कर कड़ी मेहनत और एकाग्र चित्त मन के साथ परीक्षा की तैयारी करें कामयाबी जरूर आपको मिलेगी। दूसरी तरफ भगवान पर भी ध्यान लगाना चाहिए।

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