Thursday, May 9th, 2024

कभी किताबे बेच कर चलाते थे अपना घर, अब मोती की खेती कर कमाते है 5 लाख रूपए

भारत में हमेसा से ही खेती की जाती है. आज भले ही लोगो को लगता है की खेती Farming में कोई भविष्य नहीं है पर एक समय था जब पूरा हिंदुस्तान खेती पर ही निर्भर था. आज भी बहुत से लोग खेती पर निर्भर है और अच्छा खासा पैसा कमा रहे है.लोग पारम्परिक खेती Traditional Farming जैसे अनाज और सब्जियों से थोड़ा हट कर ऐसे उत्पादकों की खेती कर रहे है जो काम समय एयर कम क्षेत्र में ही उन्हें ज्यादा मुनाफा दे सके.

आज लोग विभिन्य जरिओ से खेती के बार में जानकारी प्राप्त करके अलग अलग किसक की खेती है मोती (Pearl Farming) की खेती से अच्छा मुनाफा कमा करे है. इस खेती की विशेषता यह है की इसमें ज्यादा जमीं की आव्यशकता नहीं पड़ती. रेनवाल (Renwal) के रहने वाले नरेंद्र कुमार गरवा (Narendra Kumar Garwa) ने ऐसी ही खेती को चुना और आज वह मोती की खेती में अच्छा काम कर रहे है.

गूगल पर सर्च कर घर की छत पर ही सूरी की खेती

नरेंद्र गरवा पहले एक आम जिंदगी जीते थे और किताबे बेच कर ही अपना और अपने परिवार को चलाते थे. जी तोड़ म्हणत के बाद भी वे आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. इतना कुछ देखने बाद उन्हें ने मन बना लिया की वे किसी और शटर में अपनी किस्मत आजमाएंगे. नरेंद्र को गूगल पर सर्च करते वक्त मोती की खेती के बारे में पता चला.

राजशतान में सभी लोगो को इस खेती की जानकारी नहीं थी. सुरुवाती दिनों में वे अपने घर की छत पैट ही मोती की खेती की सुरुवात की. ओडिशा में CIFA यानि सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्‍वाकल्‍चर (ICAR के तहत एक नया विंग) नामक एक संस्थान उन्होंने ट्रेनिंग ली.

10 हजार तक का बिक जाता है एक मोती

आपको बता दे की मोती ऐसा प्राकृतिक नगीना है जिसकी मांग हमेसा से रही है. इसे शिप के माध्यम से तैयार किया जाता है. एक मोती को तैयार होने में तक़रीबन 14 महीने लग जाते है. जब मोती तैयार होता है तो उसकी गुद्वात्ता देखि जाती जो उसकी कीमत बताती है. एक सामान्य मोती 300 से 1500 रुपए में बिक जाती है, वही डिज़ाइनर मोती अंतरष्ट्रीय बाजार में 10 हजार तक की बड़ी रकम भी दे सकती है.

सुरुवात के दिनों में नरेंद्र गरबा (Narendra Garwa) अपने छत पर ही खेती करते है. बहुत से लोग ऐसी भी मिले जो उनका मजाक उड़ाते थे पर इन बातो का नरेंद्र पर कोई असर नहीं पड़ा और वे अपना काम करते रहे. उनके अंदर एक जूनून था कुछ कर दिखने न जो कभी ख़त्म नहीं हुआ और आज वे एक सफल किशन है जो सालाना मोती की खेती से ५ लाख तक सालाना कमा लेते है.

पूर्व कृषि मंत्री और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री से मिल चुकी है सराहना

कभी लोगो की हसी को झेलने वाले नरेंद्र के जीवन में एक पल आया जहा उन्हें बड़ी हस्तियों द्वारा सम्मानित भी किया गया. पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने उनके काम की तारीफ की और उन्हें शुभकामना भी दी.

इस सराहना से नरेंद्र को आगे जाकर काफी फायदा हुआ. पुरे इलाके में उनकी अच्छी खासी पहचान हो गई है. सरकार से भी उन्हें उनकी कठिनाईओ में मदद मिल जाती है. इन सब वजह से आज कई युवा उनसे प्रेरित हो कर इस तरह की खेती में दिलचस्पी दिखा रहे है. नरेन्द्र अब तक 100 से अधिक लोगों को सीप से मोती की खेती करने का प्रशिक्षण दे चुके हैं जिसकी वजह से कई लोगो को रोजगार भी मिलना सुरु हो गया है.

नरेंद्र ने 30-35 हजार रुपए की मामूली रकम से ही मोती की खेती की सुरुवात की थी.  मुंबई गुजरात और केरल के मछुआरों से बढ़िया गुणवक्ता के सिप खरीद कर वे अपने 300 गज के प्लाट पर तालाब बना कर खेती करते है. सालाना उनके 20 प्रतिसत के करीब के सिप ख़राब हो जाते है पर वे अच्छी गुणवक्ता के मोती तैयार करते है जो उनके नुकसान की भर पाई कर देती है.

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