Wednesday, May 15th, 2024

करोड़ों में है ‘भारतीय फुटवियर’ ब्रांड्स Woodland की कमाई, पहले कनाडा और रूस के लिए बनाते थे जूते

कहते हैं कि व्यापार ही धन का रास्ता है। भारत में आज जितने भी अमीर लोग हैं जैसे अंबानी, बिरला वे लोग अपने व्यापार के वजह से ही अमीर बने हैं । व्यापार ही इंसान को धनवान बनाता है। हालांकि व्यापार में लाभ और हानि दोनों है। परंतु व्यापार को ही बढ़ाकर आप अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं  व्यापार करने के लिए एक दूसरे के प्रति विश्वास होना जरूरी होता है ।विश्वास से ही संपर्क बनते हैं और व्यापार आगे बढ़ता है। इसके साथ ही बेचे जाने वाले प्रोडक्ट के प्रति भी लोगों का विश्वास होना जरूरी होता है नहीं तो मार्केट में प्रोडक्ट की वैल्यू नहीं होती।

लोगों के मन में अपने प्रोडक्ट के लिए विश्वास बनाने में सालों लग जाते हैं। अगर विश्वास बन जाता है तो फिर व्यापार काफी अच्छे से आगे बढ़ने लगता है। ऐसे ही एक प्रोडक्ट के विश्वास की कहानी आपको बताएंगे। एक जूता कंपनी वुडलैंड जिसे हर कोई जानता है हर कोई इस जूते को बड़े ही शौक से खरीदता है, क्योंकि यह इतना मजबूत होता है कि यह कितने भी बार पहनने पर टूटता नहीं है।

 एक स्वदेशी ब्रांड जिसे रूस के लिए बनाया गया था

19वीं शताब्दी में जूते के लिए दो ब्रांड काफी फेमस है बाटा और करोना उसके बाद मार्केट में आया वह वुडलैंड जिसने इस दोनों ब्रांड को मात देकर उनके नाम के स्थान पर अपना नाम दर्ज किया। अब मार्केट में बाटा और करोना के स्थान पर वुडलैंड का नाम काफी प्रचलित है। पहले भारत देश ने रूसी देश के लिए जूते बनाए थे फिर वर्ष 1992 में सोवियत रूस का विखंडन हुआ और आगे एक बड़े से व्यापार की संभावना खत्म हो गई। इसके फलस्वरूप रूस से मिले ढेरों ऑर्डर कुछ ही समय में कैंसिल करने पड़ गए।

एरो क्लब के चेयरमैन अवतार सिंह ने सर्च किया स्पेशल शू

एरो कल्ब के चेयरमैन अवतार सिंह जिन्होंने एक स्पेशल शू का खोज किया।  जानकारी के लिए आपको बता दें एयरोक्लब भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर् हुआ करता था। रूस के लिए बनाए गए कैजुअल शूज और इंडस्ट्रियल बूट अवतार सिंह के लिए एक बहुत बड़ा सिरदर्द बन गया था। क्योंकि रूस के द्वारा दिए गए इस आर्डर को कैंसिल करना पड़ा था बाद में इसी स्टॉक  ने अवतार सिंह का बहुत बड़ा प्रॉफिट कराया।

रूस के मौसम को देखते हुए अवतार सिंह ने उस जूते को डिजाइन किया था। यह जूता मोटे लेदर से  हाथों से बनाया गया था जूते की सोल हार्ड रबड़ से बनी हुई थी और लेस भी लेदर से बनाई गई थी।  जूते देखनेे में अच्छेे नहीं थे परंतुुुु यह काफी लंबे समय तक टिकनेेे वाले जूते थे।

मार्केट में मात्र 2 से 3 दुकानों में उपलब्ध था वुडलैंड 

कनाडा के क्यूबिक के निवासी थे अवतार सिंह सन 1980 में वुडलैंड शू कंपनी एयरोक्लब को कनाडा के क्यूबिक में स्थापित किया गया था। जानकारी के लिए आपको बता दे अवतार सिंह भारत से ही ताल्लुक रखने वाले हैं। रूस निर्यात के लिए रखे गए स्टॉक से अवतार सिंह ने  जूतों को सिलेक्ट किया और मार्केट में उतारा। उस वक्त मार्केट में सिर्फ बाटा ब्रांड ने धूम मचा रखी थी ।परंतु वुडलैंड ने बाटा को कड़ी टक्कर दे कर अपना स्थान बनाया।

अवतार सिंह ने इन जूतो को भारत में लॉन्च करने का निश्चय किया। जूतों को उन्होंने वुडलैंड ब्रांडेड नाम दिया और एयरोक्लब के दो से तीन स्टोर में इन्हें लांच किया। शु के स्टाइल नंबर G0092 जिसमें 0092 और जी को जेंट्स शू से रिप्रेजेंट किया गया।जूतों की विशेषता है कि इस ब्रांड के 1 जोड़ी जूते सालों तक चलते हैं इसीलिए वुडलैंड पर लोगों का विश्वास अधिक था।

वुडलैंड से करोड़ों की कमाई

भारत के नोएडा शहर में  वुडलैंड ब्रांड का मुख्यालय स्थापित किया गया। जानकारी के लिए आपको बता दें जूते बनाने के लिए रो मैटेरियल के रूप में चमड़े की जरूरत पड़ती है इसलिए पंजाब के जालंधर  से इसे प्राप्त किया जाता है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी वुडलैंड की  स्थापित की गई है जो कुल मांग का 70% पूरा करती है। आज पूरे विश्व में वुडलैंड के लगभग 350 शोरूम स्थापित है साथ ही 5000 से भी ज्यादा मल्टी ब्रांड आउटलेट्स भी बनाए गए हैं आज वुडलैंड 1250 करोड रुपए का व्यापार कर रहा है।

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