Tuesday, April 30th, 2024

महिला जो क्वालिफाइड वकील बन सकती थी पर बन गई भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए इसके पीछे की वजह

अगर कभी किसी महिला ड्राइवर की बात होती है तो लोगो के मन में पहला विचार उन्हें स्कूटी चलने तक ही सोच जाती है. कभी कभी कोई महिला कार चलते हुए भी दिख जाती है. ऐसा नहीं की किसी महिला की सीमा बस यहाँ तक ही हो. आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसी महिला की जो वकालत पढ़ने के बाद बन गई एक ट्रक ड्राइवर.

भोपाल की योगिता रघुवंशी ही वो पहिला है जिनकी ट्रक ड्राइव करते हुई सोशल मीडिया पर फोटोज वायरल हो रही है. योगिता एक क्वालिफाइड वकील बन कर भी अपना जीवन व्यतीत कर सकती थी, लेकिन उन्होंने ट्रक ड्राइवर बनना ही चुना. आम तौर पर पुरुषो को ही ट्रक चलते हुए देखा गया है. ट्रक पर ट्रांसपोर्ट का काम ही होता है. माल से लदे हुए ट्रक को संभाला कभी कभी मुश्किल भी हो ज्यादा है. पर योगिता ने उस सोच को ही पलट कर रख दिया जिसमे लगता था की सिर्फ पुरुष ही ट्रक चला सकते है.

महाराष्ट्र के नंदुरबार मे पाली बड़ी योगिता रघुवंशी वंशी एक आम लड़की की ही तरह थी. चार भाई बहनो में से वे एक थी. वे एक पढ़ी लिखी महिला थी जिन्होंने कॉमर्स और लॉ में डिग्री प्राप्त की है. पढाई के हिसाब से ही योगिता के घर वालो ने उनके लिए एक वकील दूल्हा ढूंढा. पति ने भी योगिता का पढाई में साथ दिया वे पढ़ने लगी.

एक आम महिला की तरह उन्हें भी बचे हुए. उनके दो बच्चे हुए जिनका नाम याशिका और यशविन है. माँ बनाने के बाद उनका जीवन सब सही चल रहा था. उनका परिवार मानो पूरा हो गया था. प् एक घटना ने योगिता की जिंदगी जैसे बदल के रख दी. वे अभी अपनी पढाई ही कर रही थी और इसके पहने वे अपने पति की तरह क्वालिफाइड वकील बन पाती उससे पहले ही उनके पति ये दुनिआ छोड़ कर चले गए. उनके जाने के बाद योगिता पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा.

उनके घर में अब साड़ी जिम्मेदारी आगयी थी. दो बच्चो और परिवार का खर्च तो था ही लेकिन कमाई का कोई और साधन नहीं दिख रहा था. परन्तु योगिता ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को सँभालते हुए अपनी पढ़ाई का फायदा उठाया और वकील के पेशे में उतर ​गईं. लेकिन वकालत और अदालत में उतरकर जल्द सफल होना इतना भी आसान नहीं था. एक वर्ष में मात्र एक ही पेटिशन उन्हें प्राप्त हुआ. घर का खर्च निकलना भी मुशील हो गया था.

योगिता ने अनुशार उनके पति पेशे से भले ही वकील थे पर साइड में उनका ट्रांसपोर्ट का भी बिज़नेस था. उसका बहुत बड़ा सहारा मिला और उन्होंने ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय संभालने का निर्णय ले लिया. सुरुवात में उनके पास पुरे 3 ट्रक थे और वे ऑफिस में बैठ कर सारा काम देखा करती थी. पर अभी भी उकनी मुशीबत कम होने का नाम नहीं ले रही थी. उन्होंने जिस ड्राइवर को को रक्खा था वो 6 महीने में ही भाग गया. इसकी वजह थी की उस ड्राइवर ने उनके ट्रक को एक खेत में ही घुसा दिया था.

हैदराबाद पहुंचने के बाद उन्होंने ट्रक रिपेयर करवाया और उसे लेकर भोपाल पहुंची. ये सब देखने बाद उन्हें ये बात समझे आगया की ये बिज़नेस वे किसी दूसरे के सहारे नहीं छोड़ सकती. इस बिजनेस को चलने के लिए उन्हें खुद स्टेयरिंग संभालना होगा. उन्होंने ड्राइविंग सीखी और अन्य ट्रक ड्रिवेरो से उनका अनुभव लिया. लोगों ने ताने दिए जलील किया बुरी नजरों से देखा लेकिन योगिता ने हिम्मत नहीं हारी.

ट्रक ड्राइविंग के अनुभव के बारे में योगिता ने बताया की बहुत ही मुश्किल काम है. इस काम में हर वक्त चौकन्ना रहना पड़ता है. कुछ सामान जल्दी ख़राब हो सकते है इसीलिए कभी कभी तो रात भर ट्रक चलाना पड़ता है. नींद आने पर पेट्रोल पंप के पास गाडी लगाने के बाद ही वे थोड़ा सो पाती है. यह काम करते करते उन्हें 16 वर्ष हो चुके हैं. आज वे भले ही एक प्रोफेशन ट्रक ड्राइवर बन गई हो पर एक महिला के लिए ये बहुत ही चुनौती भरा सफर रहा है.

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