Thursday, May 9th, 2024

जानिए कोन है DSP शिल्पा साहु जिन्होंने प्रेगनेंसी के भी हालत मे सड़को पर कोविड के दौरान अपना फर्ज निभाया!

आजकल नारी हर चीज मे आगे रहने लगी है। नारी अगर अपने फर्ज को निभाने पर आ जाए तो वह किसी भी मुश्किल का सामना करने को तैयार हो जाती है। ऐसी ही ऐसे ही जांबाज महिलाएं बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने प्रेग्नेंट होने के बावजूद कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए सड़क पर अपनी ड्यूटी निभाने के लिए उतर गई। वैसे तो कोविड लॉकडाउन के दौरान नियमों का पालन करवाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मियों का काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उस पर भी 5 महीने की गर्भवती होने के बावजूद ऑन रोड ड्यूटी निभा कर इन्होंने एक मिसाल कायम किया है।

छत्तीसगढ़ की डीएसपी शिल्पा साहू

जानकारी के लिए आपको बता दें पिछले कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से महिला पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कोविड लॉकडउन के दौरान लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित करते हुए नजर आई। इस महिला पुलिसकर्मी की सबसे खास बात यह थी कि वह उस वक्त गर्भवती थी के बाद उन्होंने सारे खतरों को नजरअंदाज कर अपनी ड्यूटी को सर्वोपरि रखा। यह महिला शिल्पा साहू जो छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत है।

 

सड़को पर उतरी शिल्पा साहू

मीडिया से बातचीत के दौरान शिल्पा साहू ने यह बताया कि यह उनका  रूटीन वर्क है वायरल वीडियो के बारे में उन्होंने कहा कि यह वीडियो उस दिन का है दंतेवाड़ा में तेजी से कोविड फेलने के कारण  लॉकडाउन लगाया गया था। ट्रैफिक डिपार्टमेंट की इंचार्ज होने के कारण उनकी यह जिम्मेदारी थी कि लोगों से कोविड नियमों का पालन करवाए। हालांकि उस समय वह 5 महीने की गर्भवती थी इस परिस्थिति में उन्होंने लोगों को एक मैसेज दिया कि ” अगर इस कंडीशन में भी मैं आपके लिए सुरक्षा का काम कर सकती हूं, तो यह आप की भी जिम्मेदारी है कि आप सब घर पर सुरक्षित रहें और कोविड नियम का पालन करते हुए खुद को संक्रमण से बचाएं।

बिना डरे उन्होने अपनी ड्यूटी निभाई

उस वक्त कोविड भी अपने चरम सीमा पर था और भयंकर गर्मी भी पड़ रही थी। इसके बावजूद उन्होंने बिना डरे अपनी ड्यूटी निभाई। खाना की गर्भवती होने के कारण उन्हें अपने बच्चे के लिए डर था कि उसे कोई खतरा ना पहुंचे उनके साथ-साथ उनके घर वालों को भी इस बात की चिंता थी। उसके बावजूद उन्होंने कोविड प्रोटोकोल का ध्यान रखा मास्क पहना, हाथों के हाइजीन को मेंटेन रखा, सामाजिक दूरी का पालन किया। इतना ही नहीं इस कंडीशन में भी वह अकेले रह रही थी क्योंकि उनके पति भी डीएसपी है और अलग जिले में पोस्टेड है। जहां उनके पति पोस्टेेड थे वह जगह उनके यहां से 40 किलोमीटर दूर था।

उन्हें किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई

बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि ड्यूटी निभाने के दौरान मैं किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। खुद को डिहाइड्रेट से बचाने के लिए वह समय-समय पर पानी पीती थी। हालांकि उन्हें कुछ छोटी-छोटी समस्या हुई जैसे थकान होना कमजोर होना और पैरों में सूजन आदी। ज्यादा देर तक खड़े रहने से उनके पैरों में सूजन आ जाती थी। जिसके लिए वह रातों में पैरों को मालिश करके सोती थी ताकि अगले दिन वह ड्यूटी पर जाने के लिए खुद को तैयार कर सके।

अपने बच्चे और काम के बीच संतुलन बनाए रखा

डीएसपी शिल्पा साहू ने बताया कि जब वह अपने पहले अपने बेटे को जन्म दिया था वह उनके लिए चुनौतियों भरा था। वह ड्यूटी पर अपने बच्चे साथ ले जाना चाहती थी ताकि वह अपनी ड्यूटी भी निभा सके और बच्चे को भी संभाल सके। खुद इस चुनौतियों को झेलने के बाद उन्होंने यह सोचा कि ऐसी महिलाओं को कमरे प्रदान करेंगी जो की जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने बच्चों की भी जिम्मेदारी का भी ख्याल रख पाएंगी।

शिल्पा साहू की दंतेवाड़ा में पोस्टिंग

दरअसल शिल्पा के पति डीएसपी देवांश सिंह राठौर दंतेवाड़ा में पोस्टेड थे इस वजह से शिल्पा साहू की भी पोस्टिंग उसी नक्सली क्षेत्र में हो गई जो कि एक संवेदनशील क्षेत्र है। इतना खतरा होने के बावजूद शिल्पा साहू अपनी जिम्मेदारी से नहीं हटी। पहले ऑल वूमेन एंटी नक्सल यूनिट, दंतेश्वरी फाइटर की इंचार्ज होने के नाते वह अपनी टीम के साथ नक्सल ऑपरेशन के लिए जाया करती है। बहुत से स्थानीय महिला इस यूनिट का हिस्सा है।

 

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