Wednesday, May 8th, 2024

भूल कर भी मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर नहीं लाया जाता, जाने से पहले इन रहस्यों को अच्छी तरह जाने

राजस्थान के दौसा जिले से 35 किलोमीटर अंदर स्तिथ बालाजी महाराज का मंदिर जो काफि लोग अपनी समस्या लेकर जाते हैं और वहाँ बाबा के दरबार में समाधान पाते हैं आपको बताते चले कि यह काफी साल पुराना है और यहाँ काफी दूर दूर से भक्त बाबा के दर्शन करने आते हैं। और यही नही बालाजी मंदिर के ठीक सामने श्रीराम मंदिर है आपको बता दे कि यहाँ दो समय पूजा होती है पहले श्रीराम मंदिर में पूजा होती है और तत्पश्चात बालाजी महाराज की पूजा होती है फिर आखिर में प्रेतराज सरकार जी की जो मंदिर से कुछ कदम दूरी पर हैं।

आपको बता दे कि इस मंदिर का महत्व क्या है. वैसे तो आपने कई मंदिर के सम्बद्ध में सुना होगा क्योंकि सभी मंदिरों के पीछे कुछ न कुछ रोचक कहानी जुड़ी होती है. इन्ही में से एक हैं बालाजी महाराज का मंदिर, यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच स्तिथ है. एक तीन पहाड़ के नाम से जाना जाता है और एक सात पहाड़ के नाम से जाना जाता है।

आरती के बाद दिया जाता है प्रसाद

मेहन्दी पुर बालाजी मंदिर की बहुत मान्यता है यहाँ बहुत विचित्र चीजे देखने को मिलती है इस मंदिर में भूत-प्रेत की वाधा से मुक्ति पाने के लिए बालाजी महाराज के मंदिर आते हैं। बालाजी महाराज के दर्शन के बाद भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार के दर्शन होते हैं कहते हैं कि यहाँ हर रोज दुपहर के समय पैसी होती यानी जिन लोगोँ पर संकट होता है उसे दूर करने के लिए कीर्तन होता है।

यहाँ का आरती के जो भक्त खड़े रहते हैं, उनके ऊपर जल की छीटे आ जाये तो भक्त की मनुकामना पूर्ण होती है।आपको बता दे को यह जो जल होता है बालाजी महाराज की छाती में छोटा सा छेद है जिसमे से लगातार पानी बहता रहता है इसी को कहा जाता है बालाजी महाराज का पसीना। उसी के बाद प्रसाद भक्तो में दिया जाता है.  यह प्रसाद आप अपने घर नहीं ला सकते.

प्रसाद घर न लेन का यह है कारण

यहाँ मंदिर में पूजा होने के बाद 56 तरह की मिठाई प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है ना लाने का कारण कहा जाता है कि गिली वस्तु में संकट प्रसाद के साथ आ जाता है आप वहाँ की कोई गिली वस्तु अपने घर नहीं ला सकते, और तो और आप इस प्रसाद को किसी को नहो दे सकते हैं । आपको बता दे कि मंदिर में भगवान हनुमान बाल रूप मौजूद हैं। आपको महत्वपूर्ण बात बताते चले कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आने वाले सभी भक्तों को एक सप्ताह तक अंडा,माँस,शराब,लेगसुन,प्याज, का सेवन बन्द करना पड़ता है ये नियम सभी भक्तों के लिए होता है।

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