Thursday, May 9th, 2024

एक छोटे से आइडिया से 2 दिन में ही बने 6100 करोड़ के उद्योगपति, जानिए क्या थी वो रणनीति जिसने बना दिया अम्बानी के बराबर

कारोबार में सफलता के बारे में बात की जाए तो सबकी जुबान पर टाटा, अंबानी, बिरला जैसे ही नाम ही पहले आते हैं। इन कारोबारियों को इस सफलता तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत और संघर्षों से गुजरना पड़ा है तब जाकर उनका नाम हर एक के जुबां पर आता है लेकिन वक्त के साथ-साथ कुछ और भी महान उद्योगपति महान उद्योगपति है जो शामिल हो रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स के बारे में आज आपको बताएंगे जिन्होंने अपनी कठिन मेहनत और परिश्रम के दम पर आज शून्य से इस मुकाम तक पहुंच चुके हैं। जहां वह टाटा, अंबानी जैसे लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं।

दिग्गज कारोबारी राधाकृष्ण दमानी

राधाकृष्ण दमानी एवेन्यू सुपर मार्ट लिमिटेड के मालिक है। जिन्होंने अपने मेहनत के दम पर अपना नाम देश के अमीरों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। अभी हाल में ही इनकी कंपनी के तरफ से आईपीओ (शेयर) जारी किया गया था। जिसे 299 रुपए शेयर के हिसाब से बेचा गया था जब बाजार में उसकी लिस्टिंग हुई तो वह तमाम रिकॉर्ड को तोड़ 641 रुपए तक पहुंच गया। 15 साल लंबे इंतजार के बाद d-mart सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा।

पिता के बियरिंग बिजनेस से करियर की शुरुआत

राधाकृष्ण दमानी ने पिता के बियरिंग बिजनेस से अपने कारोबार की शुरुआत की थी। परंतु दुर्भाग्यवश कुछ समय बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई जिसके बाद उनका बिजनेस बंद हो गया। बिजनेस बंद होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। हालांकि उस बुरे वक्त में उनके भाई राजेंदर दमानी ने उनका साथ दिया। उसके बाद दोनों भाइयों ने मिलकर स्टॉक ब्रोकिंग के बिजनेस मैं कदम रखा।

शुरुआत में दमानी को इस धंधे के बारे में बिल्कुल समझ नहीं थी। काफी समय तक उन्होंने बाजार में बुजुर्ग ब्रोकर से जानकारी लेकर इस धंधे को समझा। इतना ही नहीं दमानी ने रिटेल बिजनेस में रिलायंस और बिरला जैसी कंपनियों को भी पीछे छोड़ दियासमझदारी से इन्होंने रेजर बनाने वाली जिलेट जेसी कंपनियों मैं पैसे लगाते हुए करोड़पति बन गए। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

खुदरा बाजार से सफलता मिली

शुरुआत से ही दमानी अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे परंतु पैसे की कमी के वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा था। स्टॉक मार्केट से मुनाफा होने के बाद उन्होंने साल 2002 में खुदरा बाजार की मैं जाने का मन बनाया। छोटे कारोबारियों और दुकानदारों से इस बारे में बातचीत की। जिसके बाद उन्होंने छोटे शहरों पर ध्यान देते हुए डी मार्ट के बैनर तले खुदरा बाजार में कदम रखा।

जानिए डी मार्ट के बारे में और कैसे दमानी ने रिटेल बिजनेस में बिरला और रिलायंस जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ा

देश के 45 शहरों में d-mart के लगभग 118 स्टोर है। d-mart ने कभी अपने स्टोर के लिए कोई भी जगह किराए पर नहीं ली बल्कि जब भी जहां भी डी मार्ट का स्टोर खुला वह अपने ही खरीदे हुए जमीन खुला। इससे कंपनी को भी ज्यादा प्रॉफिट हुआ क्योंकि ऐसे में किराए में ही ज्यादा रकम चली जाती है। पैसे की मदद से उन्होंने स्टोर पर मौजूद सामान को कम दाम में भी देने में सक्षम हुए। जानकारी के लिए आपको बता दें किआज इनकी रिटेल समूह मुनाफे में रिलायंस रिटेल, फ्यूचर रिटेल और आदित्य विड़ला रिटेल समूह को काफी पीछे छोड़ चुकी है।

कंपनी के कर्मचारी बने लखपति और करोड़पति

कंपनियो द्वारा आईपीओ जारी होने के बाद केवल उनके परिवार ही नहीं बल्कि उनके तमाम अफसर और कर्मचारी रातो रात लखपति और करोड़पति बन गए। जिसमें डी मार्ट के प्रबंध निदेशक नेविल नरोना भी शामिल है जिनकी शेयर की कीमत लगभग 900 करोड रुपए हो गई है एक दशक पहले नरोना ने हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी को छोड़कर दमानी के साथ जुड़कर जोखिम उठाया था। उनके वित्तीय सलाहकार 200 करोड़ के मालिक है। हालाँकि लखपतियों की गिनती हजारों में है। कंपनी की वैल्यूएशन 40000 करोड़ से भी ऊपर है।

जानिए दमानी के सफलता का मूल मंत्र

दमानी सुर्खियों में ना आकर साधारण जीवन जीना पसंद करते है। उनका मानना है कि जल्दबाजी में आकर पूरे देश भर में कारोबार फैलाने से बेहतर है जिन एरिया में सर्विस मौजूद नहीं है उनको सुधारने का प्रयास किया जाए। उनके इस मूल मंत्र से बिजनेस में काफी तेज प्रगति देखने को मिलेगी इसी सफलता के मूल मंत्र से उन्होंने दिग्गज उद्योगपति अनिल अंबानी और राहुल बजाज को भी पीछे छोड़ दिया।

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