Wednesday, May 8th, 2024

एक किसान का बेटा “नीरज चोपड़ा” जिसपर ओलंपिक्स में गोल्ड जीतते ही हो रही है करोड़ो की बरसात, जानने किसने कितना दिया

भारत को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल देने वाले नीरज चोपड़ा जिन्होंने ट्रैक और फील्ड में स्वर्ण पदक जीतकर डेढ़ अरब देश वासियों को गौरवान्वित किया। 2016 में नीरज ने अकेले अपनी भाला फेंक की निपुणता दिखाई और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारत को गौरवान्वित किया था।

नीरज चोपड़ा ने भाला 86 पॉइंट 48 मीटर तक कर जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया और स्वर्ण पदक जीता। जूनियर एथलीट होने के बावजूद पोलैंड में और शानदार थ्रो ने नीरज चोपड़ा को सीनियर रैंकिंग में 11 वें नंबर पर लाया।

नीरज की सफलता की कहानी

हरियाणा के पानीपत के खंडाला गांव के रहने वाले नीरज चोपड़ा ने जिस तरह से टोक्यो ओलंपिक 2020 के अद्भुत भाला फेक का प्रदर्शन किया उससे सभी कोई हैरान है। नीरज एक गांव के रहने वाले हैं और चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक है।

नीरज के पिता सतीश कुमार चोपड़ा ने उन्हें भला उठाने के लिए प्रोत्साहित किया था। जिसके बाद उन्होंने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया और उनमें भी उन्होंने बेहद बढ़िया प्रदर्शन किया। नीरज जहाँ से पले-बढ़े हैं वास्तव में वह भाले के बारे में कुछ नहीं जानते थे लेकिन जब से वह चैंपियन बने उससे बहुत सारे युवाओं को प्रेरणा मिली।

टोक्यो ओलंपिक का गोल्ड मेडल

भारत के लिए यह अब तक का सबसे ऐतिहासिक ओलंपिक बन गया है हर साल की भांति भारत ने टोक्यो ओलंपिक के लिए बहुत सारे खिलाड़ी को भेजें भारत ने इसमें एक गोल्ड 2 सिल्वर 4 ब्रांच समेत कुल 7 मेडल जीते 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने कुल 6 मेडल जीते थे।

फाइनल राउंड में नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में रूस भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर एक इतिहास रच दिया है यह ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत का पहला स्वर्ण है और इस साल टोक्यो ओलंपिक कभी पहला स्वर्ण है ओलंपिक स्वर्ण जीतने के लिए नीरज ने 87 पॉइंट 58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ चार्ट में पहला स्थान पाया है।

नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल के अलावा  इस बार मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रांच और लवली ना ब्रो पहनने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। जबकि रेसलिंग में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल और बजरंग पुनिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।

बढ़ते वजन वाले और भाला फेंक चैंपियन बनने तक का सफर

नीरज एक बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। नीरज के साथ बचपन में खेलने के लिए उनके कुछ दोस्त थे। बचपन से नीरज की सबसे बड़ी कमज़ोरी उनकी भोजन थी। आम चुराने और दोस्तों से लड़ने से लेकर उनका बचपन आम बच्चों के जैसा ही था। बचपन में नीरज बहुत ही सामान्य लड़के जैसे थे। बहुत कम उम्र में ही उनका वजन अधिक हो गया था।

12 साल की उम्र में नीरज 90 किलो के थे उनके खाने में ताजी क्रीम,चूरमा( रोटी घी और चीनी का मिश्रण था ) जो उनकी दादी उन्हें बड़े प्यार से खिलाया करती थी। अब नीरज 23 वर्षीय के हैं और अंतरराष्ट्रीय एथलीट चैंपियन भी हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता है।

स्वर्ण पदक का रिकॉर्ड

2018 एशियाई खेलों के दौरान नीरज ने जकार्ता में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने उस वक्त 88.06 मीटर का नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया था। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता और 86.48 मीटर का जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इंडियन ग्रां प्री के दौरान नीरज ने 88.07 मीटर के थ्रो के साथ अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड को भी तोड़ा।

भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में नीरज

नीरज भारतीय सेना में राजपूताना राइफल्स के साथ सूबेदार के रूप में कार्यरत है और अब टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने एक नया इतिहास रच दिया है।

प्रसिद्ध कोच उवे होहन(Uwe Hohan) द्वारा प्रशिक्षित

दुनिया का सबसे प्रसिद्ध कोचों में से एक हैं उवे होहन। जिन्हें इतिहास में एकमात्र भाला फेंकने वाला खिलाड़ी जिसने 100 मीटर से अधिक भाला फेंकने का स्कोर बनाने वाला माना जाता है। नीरज चोपड़ा को इन्हीं से प्रशिक्षण मिला है।

 

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