Monday, May 20th, 2024

एक ऐसा गांव जहां पर IAS पैदा होते हैं, केवल 75 घरों वाले इस गांव ने दिये 47 आईएएस अधिकारी!

उत्तर प्रदेश में एक जिला है जौनपुर जिसमे एक छोटा सा गांव है उसका नाम है माधोपट्टी।  इस गांव की कहानी बहुत ही अविश्वसनीय है। इस गांव में केवल 75 घर है जिनमें से कम से कम एक ना एक घर का सदस्य 47 आईएएस अधिकारी है।

IAS देने वाले गांव माधोपट्टी की हकीकत

माधोपट्टी गांव भारत के प्रतिभाशाली गांव में से एक माना जाता है  उदाहरण के तौर पर जिस तरह गाजीपुर के गहमर गांव को आर्मी विलेज के नाम से जाना जाता है, क्योंकि वहां के हर घर में एक न एक सदस्य सेना में भर्ती होता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव के पहले आईएएस अधिकारी कवि वामिक जौनपुरी के पिता मुस्तफा हुसैन थे। जिन्होंने 1914 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और पीसीएस में शामिल हुए।

हुसैन के बाद दूसरे आईएएस अधिकारी बनने वाले इंदु प्रकाश हैं जिन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया है। इस गांव के कुछ युवाओ ने सिविल सेवा को अपना करियर चुना और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और विश्व बैंक में भी सफलता पाया।

हिंदी माध्यम से परीक्षा की तैयारी

एक इंटरव्यू के दौरान गांव के एक शिक्षक ने बताया कि ‘बहुत से युवा आईएएस और  पीसीएस की परीक्षा के लिए इंटरमीडिएट स्तर पर तैयारी करते हैं परंतु यहां के युवा शुरुआत से ही प्रयास करते हैं।साथ ही साथ अपने अंग्रेजी में भी सुधार करने का प्रयत्न करते हैं क्योंकि यहां के अधिकांश स्कूलों में हिंदी शिक्षा का है माध्यम है।

हाल ही में माधोपट्टी ने एक रिकॉर्ड तोड़ा जिसमें गांव के चार भाइयों ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास कर आईएस बने। जिनमें से एक ने बिहार के मुख्य सचिव पोस्ट के रूप में भी कार्य किया है।

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