क्या हो जब आप किसी बस में सफर कर रहो हो और उस बस के ड्राइवर को अचानक मिर्गी आजाये और बेहोश हो जाए. ऐसे में बहुत से लोग अपनी सूझ बुझ खो देंगे. पर एक दिलेर महिला ऐसी ही परिस्थिति में अपने हुनर से उस बस में सवार सारे लोगो की जान बचा ली.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) इलाके में एक बस तेज रफ्तार से कहल रही थी तभी उस बस के ड्राइवर को एक दम मिर्गी का दौरा आगया. जिसके बाद बस कण्ट्रोल से बहार हो गई और इधर-उधर भागने लगी. ऐसे वक्त में किसी को सूझ नहीं आ रहा था कि आखिर किया क्या जाए. सभी यात्री बहुत चिंता में पड़ गए.
बस में मौजूद सभी यात्रियों का यह सोचकर साँसे अटक गई थी कि अब तेजी से दौड़ती बस का अंजाम क्या होगा. इसी बीच, एक महिला इन सं यात्रिओ की मसीहा बनकर सामने आई किनकी उम्र 42 वर्ष है और उन्होंने स्टीयरिंग को संभाल लिया. उन्हें न सिर्फबार में सवार लोगो की जान बचा ली उसके साथ ही उस ड्राइवर को वक्त पर हॉस्पिटल भी पंहुचा दिया जो मिर्गी के दौरे से जूझ रहा था.
25 किलोमीटर तक चलाई बस
योगिता सातव नाम की ये बहादुर महिला दो स्कूली बच्चों की मां है. इन्होने ने अपनी सूझबूझ से 25 किलोमीटर तक गड्ढों से भरी इन सड़कों पर बस संभाल के 4 लोगों की जान बचा ली. यहाँ बात सर बस में सवार लोगो की ही नहीं थी. बल्कि उनसे जुड़े उनके घर परिवार वालो की भी थी.
यह घटना 7 जनवरी की है जब वाघोली से 20 यात्री पिकनिक मनाने मोराची चिंचोली गए थे. पिकनिक के स्थान पर पूरा दिन बिताने और मौज मस्ती करने के बाद यात्रियों ने शाम करीब 5 बजे अपनी वापसी का सफर शुरू किया था. इसी दौरान कुछ दूर चलने के बाद बस ड्राइवर ने अचानक घबराहट की बात बताई.
ड्राइवर के आँख से सामने अचानक छ गया अँधेरा
ड्राइवर के घबराहट और थोड़ी देर बाद आखो के सामने अँधेरा आने के कारन वह बस ठीक से नहीं चलापा रहा था. बस वालो को जब इस बात की भनक लगी तो जैसे बस में कोहराम मच गया. कुछ महिलाये तो रोने तक लगी थी की अब उनका और उनके परिवार का क्या होगा. इन महिलाओ में एक ऐसी महिला भी थी जो ड्राइवर के ठीक पीछे बैठी थी. वो थी बहुत योगिता जिन्होंने बताया की, “मैं उसके पास गई और पूछा कि क्या हुआ सब ठीक तो है. वह मुश्किल से मुझे बता पाया कि वह ठीक महसूस नहीं कर रहा है. मैंने फिर उससे कहा कि अगर उसे बस चलाने में दिक्कत हो रही है तो मैं चला लूंगी.”
उन्होंने आगे बताए हुआ कहा की, ‘बातचीत करते करते ही ड्राइवर अचानक से गिर पड़ा. कुछ महिलाएं ऊपर आईं और ड्राइवर को दूसरी सीट पर बिठा दिया. योगिता ने अन्य यात्रियों से कहा कि वह स्टीयरिंग व्हील लेंगी क्योंकि वह कार चलाना जानती थी.’ एक यात्री वर्षा आवले ने बताया, ‘हम जानते थे कि योगिता चौपहिया वाहन चला सकती है. जब उसने हमें बताया कि वह बस चलाने के लिए तैयार है, तो हम सब तुरंत मान गए. हमें उस इलाके से तुरंत बाहर निकलना था क्योंकि पूरी सड़क सुनसान थी और धीरे-धीरे अंधेरा छा रहा था.’
योगिता के सामने एक और चुनौती ये भी थी की कार और बस का गियर सिस्टम एक जैसा नहीं होता होता. इसीलिए सुरुवात में उन्हें बस चलने में दिक्कत हो रही थी. पर किसी तरह उन्होंने बस पर भी अपना नियत्रण बना लिया और यात्रिओ से भरे उस बस को अपने मुकाम पर पंहुचा दिया.