अक्सर शादीओ में देखा जाता है की दूल्हा अपनी दुल्हन को चमचमाती कार को अच्छी तरह से सजा के अपने घर लता है. पर आज हम बात करेंगे एक अनोखी शादी की जिसमे दुल्हन को साइकिल पर और खजूर के पत्तों से सजाया गया. एक शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया वायरल हो रही जिसमे अनोखी शादी की की गई.
शादी किसी भी इंसान के जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है. हर कोई चाहता है की उसकी शादी यादगार बन जाए. बहुत से लोग तो शादी की सजावट और थीम पर इतना खर्च कर देते है की उनकी शादी की चर्चा उनके रिस्तेदारो और आस पास के लोगो में बानी रहे.
अपनी शादी में लोग कुछ नया करना चाहते है, कभी दुल्हन किसी बॉलीवुड गाने पर नाचते आती है तो कभी दूल्हे की एंट्री काफी अनोखी होती है. कई बार तो ऐसी भी खबरें आई थी जहां पर एक दूल्हा अपनी दुल्हन को हेलीकॉप्टर में बैठा कर अपने घर लाया था.
वहीं दूसरी तरफ आज हम एक पुलिसकर्मी की शादी के शादी के बारे में आपको बताएँगे पुलिस अफसर ने अपनी नई नवेली दुल्हन को किसी महंगी या आलीशान गाड़ी या हेलीकॉप्टर में नहीं बल्कि साइकिल पर आगे की ओर बैठाकर अपने घर लाया. यह शादी अपने आप में एक अनोखी चर्चा का विषय है क्युकी छोटा मोटा पुलिस कर्मी भी अपनी शान में लाखो खर्च कर देता है पर इस पुलिस अफसर का पद एक DSP का है. उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं.
देसी अंदाज में साइकिल पर दुल्हनिया को लाया दूल्हा
पुलिस अधिकारी के बारे में बात करे तो वे मध्य प्रदेश के निवाड़ी एसडीओपी संतोष कुमार पटेल हैं. एसडीओपी संतोष कुमार पटेल की शादी इन दिनों खूब चर्चा में है क्युकी इन्होने देसी हीरो के अंदाज में अपनी दुल्हनिया को साइकिल पर बैठाकर उसके ससुराल लाया. अकसर ये सीन भोजपुरी फिल्मो में देखने को मिलता है. इस शादी में बहुत पुराणी संस्कृति भी देखने को मिली.
जानकरि के लिए बता दे की एसडीओपी संतोष कुमार पटेल ने अपनी शादी बहुत ही सादगी से हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुआ. शादी के बाद संतोष कुमार अपने पारिवारिक जिले पन्ना के देव गांव में आपहुचे ओर एक साइकिल पर खुद बैठ गए ओर अपनी दुल्हन को साइकिल के आगे वाली रोड पर बैठाकर देवी देवता पूजा के ले गए थे. सोशल मीडिया पर संतोष कुमार जो की एक ऊंचे पद के पुलिस अफसर है, उनकी सादगी औऱ अनोखे अंदाज की में दुल्हनिया को घूमने को लोग काफी प्रसंसा कर रहे है.
जब एसडीओपी संतोष पटेल से इस अनोखी शादी के के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आज शादी जैसे पवित्र रिश्ते पर आधुनिकता का रंग चढ़ गया है. पारिवारिक रस्मों को लोग भुलाते चले जा रहे है . हम अपनी परंपराओं औऱ रीति रिवाजों को कभी नहीं भूलना चाहिए. हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है. सायद इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शादी पारंपरिक तरीके से निभाई.