पड़े का बहुत बड़ा महत्व होता है. भारत में जितनी भी सरकार बानी है सबने बेटिओ को जरूर पढ़ने पर जोर दिया है. एक पढ़ी लिखी लड़की के पढ़ने का अर्थ है की आने वाली पीढ़ी भी पढ़ी लिखी होगी. ऐसे ही एक बेटी की खबर सामने आरही है जिसने शादी के बाद विदाई होने से पहले एग्जाम हॉल जाकर अपना परीक्षा दिया तब जाकर अपने पति के साथ उसके घर गई.
बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रंजना वीरभूमि राजकीय महाविद्यालय में गुरुवार को विदाई से पहले अपने परीक्षा ( Exam ) का पेपर देने पहुंचीं। यह परीक्षा 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुई। इस दौरान बरात और बाराती सब दुल्हन का इंतज़ार करते रहे।जब सही ढंग से परीक्षा हो गई तब जाकर दुल्हन की विदाई हुई।
रात भर चली शादी, सुबह होते ही पहुंची परीक्षा देने
ये खबर थाना खन्ना के तिंदुही गांव के रहने वाली रंजना वीरभूमि कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा की है। बुधवार को रंजना की शादी होनी थी। बरात मध्यप्रदेश के कस्बा नौगांव से आई थी। भारत में ज्यादा तर शादिया रात में ही होती है जहा सारे रस्म और रिवाज़ो के साथ सात फेरे लिए जाते है। विदाई भी सुबह होती है और रंजना की विदाई का समय भी दस बजे का था और जब विदाई का समय आया तो रंजना ने पहले पेपर देने और बाद में विदाई करने की अपनी इच्छा बताई। पिता खुशाली व माता रुकमणि ने रंजना को कॉलेज भेजा।
दूल्हा बरात लेकर करता रहा इंतज़ार
शादी को अभी 12 घंटे भी नहीं हुए थे इसी लिए रंजना के हाथों में मेहंदी की खुसबू भी ताज़ा थी. शादी के लिवास लाल जोड़े में पूरी तरह से सजी दुल्हन कॉलेज पहुंची और हिंदी साहित्य का द्वितीय प्रश्न पत्र की परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान दूल्हा राजेश कुमार व बराती दुल्हन के परीक्षा देकर आने की राह देख रहे थे ।
सुशील बाबू को की वीरभूमि कॉलेज के प्राचार्य है उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति अभियान से छात्राओं में जागरूकता फैलाई है। शादी के तुरंत बाद और विदाई से ठीक पहले छात्रा का पेपर देने का फैसला प्रशंसनीय है। रंजना एनएसएस की गतिविधियों में भी बढ़चढ़कर भाग लेती है। विदाई से पहले परीक्षा को प्राथमिकता देना बहुत ही सराहनीय कदम है.