Wednesday, May 15th, 2024

इस एक्ट्रेस ने शूटिंग के दौरान दिया था बेटी को जन्म, रामायण में काम करने को बताया माँ बनने की वजह

अब तक का सबसे लोकप्रिय सेरिएल रामानंद सागर के निर्देशन में बनी रामायण है जिसने टेलीविजन इंडस्ट्री में कई इतिहास रच दिए थे. लोग अपने आस पदोष में जाकर इस धार्मिक धारावाहिक का आनंद लेते थे. कई निर्देशक ने रामायण बनाना चाहा पर वे रामानंद सागर जैसा कीर्तिमान हासिल नहीं कर पाए. इस धरवाविक में जिस भी एक्टर ने काम किया था मानो वह उसी रोल के लिए ही बना हो यही वहज रही इस धारावाहिक के सफल होने की सबसे बड़ी वजह.

रामायण में काम करने वाली कलाकार इतने लोकप्रिय हो गए थे की लोग उन्हें उनके असली नाम की जगह उनके निभाए गए किरदार के नाम से जानने लगे. चाहे श्री राम का किरदार निभा रहे अरुण गोविल हो या माता सीता का रोल करने वाली दीपिका, वे जहा जाते लोग उन्हें पूजने भी लगते.

आज हम आपको रामायण के एक ऐसे ही किरदार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने इतना बेहतरीन काम किया था की वे घर-घर में काफी ज्यादा मशहूर हो गई थी. रामायण में एक किरदार था जिसका नाम था राक्षसी त्रिजटा उसका रोल अदाकारा विभूति परेश चंद्र दवे ने किया था जो कि अब इस दुनिया में नहीं है। 13 अगस्त साल 2006 में विभूति जी हार्ट अटैक की वजह से इस दुनिया को अलविदा कह गई थी।

दिखने में थी काफी खूबसूरत

विभूति काफी ज्यादा पढ़ी लिखी थी और उन्होंने ज्योतिष विद्या अचे से आती थी. खबरों की माने तो विभूति दिखने काफी खूबसूरत थी और उनका रंग रूप भी गो’रा था. परंतु त्रिजटा एक राक्षसी थी इसीलिए उसे भयानक दिखना था. इस वजह से रोल में ढलने के लिए उन्हें मेकअप के सहारे उन्हें का’ला रुक दिया जाता था. आपको बता दे की उस समय विभूति की कोई संतान नहीं थी और रामायण की शूटिंग के दौरान ही विभूति को माँ बनाने का सुख प्राप्त हुआ और उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया.

माता सीता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया ने भी विभूति के बारे में बात करते हुए कहा था कि,” मैं उनसे ज्यादा बातें नहीं करती थी परंतु मुझे इतना पता है कि वह सूरत से आती थी और विभूति कोई ऐक्ट्रेस नहीं बल्कि एक साधारण सी महिला थी”. उन्होंने ये भी दीपिका को बताया था की रामायण में काम करने की वजह से ईश्वर ने उनकी गोद भर दी और उन्हें बेटी पैदा हुई.

जिन लोगो को नहीं पता उन्हें बताते चले की त्रिजटा वो राक्षसी थी जिसने माता सीता की देख रख की थी जब रावण ने उनका हरण करके उन्हें अशोक वाटिका में लाया था.

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