Saturday, April 27th, 2024

कभी ‘महाभारत’ में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का छलका दर्द, अब जी रहे है ऐसी जिंदगी

महाभारत धारावाहिक सिर्फ एक टीवी पर आने वाला प्रोग्राम नहीं था. बल्कि लोगो की आस्था से जुड़े होने के कारण उनके दिलचर्या का हिस्सा रहा है. टीवी पर आने वाले महाभारत सीरियल के सभी कलाकार मनो चुन चुन के लिए गए हो जो अपने निभाए गए किरदार में जान दाल देते थे. इन्ही सब में गदाधारी भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती को आज भी लोग भीम के किरदार की वजय से ही पहचानते है. प्रवीण कद काठी में काफी बड़े थे और उनकी लम्बाई भी 6 फुट से ऊपर की ही थी जो भीम के किरदार के लिए काफी उपयोगी भी थी.

‘गदाधारी भीम’ के किरदार से बनी पहचान

दूरदर्शन पर जब महाभारत ने दस्तक दी थी तो मनो हर तरफ बस इसकी ही चर्चा हो. 30 साल पहले इस सीरियल को देखने के लिए हर घर, चौराहों, गली और नुक्कड़ पर भीड़ इकट्ठा हो जाती थी। लोखड़ौन में जब फिर से इस सीरियल को दूरदर्सन पर रेटेलीकास्ट किया गया तो सभी की यादे फिर से ताज़ा हो गई. ३० साल गुजरने के बाद भी लोगो को ‘गदाधारी भीम’ का चेहरा सबसे पहले जहन में उकरता है

अर्जुन अवॉर्ड से हो चुके है सम्मानित

प्रवीण कुमार सोबती (Praveen Kumar Sobati) न केवल एक्टिंग में बल्कि खेल कूद में भी काफी सफल रहे थे. दो बार ओलंपिक, फिर एशियन, कॉमनवेल्थ में कई गोल्ड, सिल्वर मेडल हासिल कर चुके प्रवीण 1967 में खेल के सर्वोच्च पुरुस्कार ‘अर्जुन अवॉर्ड’ से नवाजे गए। उन्हें फीलहाल बीएसएफ से पेंशन में मिल रहा है.

 76 साल की उम्र में जताई नाराज़गी

प्रवीण कुमार सोबती अब पुरे 76 साल के हो चुके है. उम्र के इस पड़वा पर अब वे कोई नया काम भी नहीं कर सकते. उन्होंने बताया की इस लॉक डाउन ने ये साबित कर दिया की उनके सारे रिश्ते खोखले है. उन्होंने कहा, ‘मैं 76 साल का हो गया हूं। काफी समय से घर में ही हूं। तबीयत ठीक नहीं रहती है। खाने में भी कई तरह के परहेज हैं। स्पाइनल प्रॉब्लम है। घर में पत्नी वीना देखभाल करती है। एक बेटी की मुंबई में शादी हो चुकी है। उस दौर में भीम को सब जानते थे, लेकिन अब सब भूल गए हैं।’

कई बार कर चुके है भारत का नाम ऊंचा

प्रवीणा कुमार का जन्म 6 सितंबर 1946 को एक सरहली नामक गांव में हुआ था. गाँव का देसी खाना खाकर वे सरीरक रूप से काफी बड़े हो गए थे. उनकी मां एक चक्की में अनाज पीसती थी जिसे उठा कर प्रवीण एक्सरसाइज कर लिया करते थे. प्रवीण डिस्क थ्रो में अवलदर्जे के खिलाडी थे. उन्हें कई बार सिल्वर और गोल्ड मैडल से नवाज़ा गया था. प्रवीण कुमार की सिखाया यही है की सारे खिलाड़िओ को पेंशन दी गई पर उन्हें कभी भी पेंशन के लिए पूछा भी नहीं गया. पेंशन के मामले में उनके साथ सौतेला व्यवहार हुआ। हालांकि, अभी उन्‍हें बीएसएफ से पेंशन मिल रही है.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *