इंसान अगर कुछ मन में ठान ले और अपने लक्ष्य के तरफ पूरी मेहनत के साथ काफ करे तो वह सब कुछ पा सकता है जो उसकी चाह हो. बहोत से लोग ये मान लेते है की उनसे कोई काम नहीं होगा और बैठे रह जाते है, वंही कुछ ऐसे लोग भी होते है जो पूरी सिद्धांत से कुछ कर दिखते है. ऐसा ही हुआ जब मात्र 23 साल की उम्र में ही एक लड़के ने वो कारनामा कर दिखाया जिसकी लोग कल्पना ही कर सकते है.
आज भले शाश्वत नकरानी 23 साल के हो गए पर इन्होने साल 2018 में सिर्फ 19 साल की उम्र में हे अश्नीर ग्रोवर से हाथ मिला कर भारतपे क्यूआर कोड की रचना की थी. इस उम्र में बच्चे ये तय नहीं पा रहे होते है की कौन से कॉलेज में एडमिशन लिया जाए वही शाश्वत ने एक बुसिनस की नीव रख दी थी जो छोटे दुकानदारों के लिए बहोत मददगर सभीत हुई.
शाश्वत नकरानी का नाम IIFL वेल्थ हुरून इंडिया रिच लिस्ट 2021 की लिस्ट में 46 स्टार्टअप संस्थापकों में से एक था. इस लिस्ट में सबसे काम उम्र का अगर कोई था तो वे शाश्वत ही थे जो ये साबित कर देता है की काम उम्र में ही वे कितने प्रतिभावान है.
बड़ी बड़ी कम्पनिया कर रही इनका इस्तेमाल
अगर अब भी क्यूआर कोड की मदद से कोई भी पेमेंट लेते या देते है तो आप भी समझ समझ सकते है की इस टेक्निक ने कैसे हमारे जीवन को सरल बना दिया है. भारतपे एक ऐसा इकलौता क्यूआर कोड पेमेंट टेक्निक है, जिसकी जिसका इस्तेमाल करके बड़े बड़े पेमेंट प्लेटफॉर्म जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोनपे अमेजन पे समेत 150 UPI पेमेंट ऐप्स इस्तेमाल करती है.
आपको जान कर हैरानी होगी की अब तक 70 लाख से भी ज्यादा मर्चेंट इस टेक्निक का फायदा उठाते हुए जुड़ चुके है. अउ अब तक 12 करोड़ से भी ज्यादा UPI ट्रांसक्शन भी हो चुके है. आज इनकी कंपनी की वैल्यू 700 करोड़ से भी जायदा की हो गई है.
एक समय ऐसा भी था जब दुकान दारों को पैसे लेन देन करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था. इसी परेशानी को दिमाग में रख कर शाश्वत नकरानी ने यूपीआई के इंटरऑपरेबिलिटी फीचर की मदद से सभी मर्चेंट्स की काफी ज्यादा मदद कर सके. अब ज्यादा तर दुकानों में UPI पेमेंट के लिए क्यूआर कोड मिल जाता है और आप अपने स्मार्टफोन की मदद से तुरंत पैसे का भुगतान कर सकते है.