सोशल मीडिया पर हर रोज लाखों किस्म के अनेक वीडियो वायरल हुआ करते हैं जिससे लोग काफी मनोरंजक होते हैं और उनमे बहुत से ऐसे भी वीडियोस होते है जो हैरान कर देने वाले होते है. ऐसा ही वीडियो मध्यप्रदेश के देवास की रहने वाली सुपर दादी रेशमबाई तंवर का आज कल काफी वायरल हो रहा है। देवास की यह रॉकेट दादी इंटरनेट छाई हुई है।
सीएम ने भी रॉकेट दादी की तारीफ
इस वीडियो में दादी इंदौर-देवास हाईवे पर कार चलाती हुई नजर आ रही है। कार की रफ़्तार कम से कम 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। यह दादी की वीडियो डिप्टी कलेक्टर पोते ने वायरल किया था। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी रॉकेट दादी की तारीफ की है।
जैसा की आपको पता ही होगा की 95 साल की उम्र तक काफी कम लोग ही पहुंच पाते हैं और जो लोग जीवित रह जाते है वे बेड पर पड़े रहते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दादी के बारे में बताएंगे जो काफी जिन्दा दिल है.
डिप्टी कलेक्टर है पोता
दादी रेशमबाई तंवर के पति का निधन साल 2007 में ही हो गया था। वह एक फैक्ट्री में काम किया करते थे। उसके बाद से ही दादी अपने परिवार के साथ रह रही हैं, जहां उनके परिवार में कुल 29 लोग हैं। वही उनका पोता डिप्टी कलेक्टर है जो भोपाल में रहते हैं और उन्हीं ने इस वीडियो को वायरल किया है।वायरल वीडियो में सुपर दादी हाईवे पर पुरानी मारुति 800 चला रही थी।
ड्राइविंग सिखने की थी इच्छा
दादी की इच्छा थी की वे ड्राइविंग करना सीखे और इसी इच्छा को उन्होंने परिवार वालो के सामने रक्खा. परिवार वालो ने दादी की इच्छा को सर आखो पर रखते हुए उन्हें ड्राइविंग की ट्रेनिंग करवाई. अब दादी हाईवे पर भी बहुत बखूभी से कार चलाती हैं। हाईवे पर ड्राइव करने में दादी एक्सपर्ट है। हालांकि हाईवे पर गाड़ियों की स्पीड काफी तेज होती है, लेकिन फिर भी बिना डरे बिना, बिना सहमे दादी बेहिचक गाड़ी चलाती है।
95 की उम्र में है काफी फिट
जैसा की आपको हमने पहले ही बताया की दादी 95 वर्ष की है फिर भी वे काफी फिट है. रोज सुबह उठ कर पूजा पाठ में लग जाती है. दादी ने गाये भैंस भी पाल रक्खे है. और उन्हें खुद से ही चारा खिलाती है. कार के साथ साथ दादी ट्रेक्टर भी चला चुकी है और उन्हें ये सब करने में बड़ा आनंद भी आता है.
एंड्राइड फोन भी आता है चलाने
आपको ये जानकार भी आश्चर्य होगा की जिस उम्र में आकर लोग अपने देखने की सकती खो देते है उस उम्र में दादी एंड्राइड सेट भी बहुत अच्छे से चला लेती है. वे किसी के ऊपर निर्भर नहीं है. इतनी उम्र में भी वह इतनी सारी चीजें कैसे सीख लेती है। लेकिन परिवार के लोगों के सामने ही वह अपनी सारी इक्षाएं व्यक्त करती हैं, जिसके बाद परिवार के लोग उन्हें यह सारी चीजें सिखाते हैं।