Friday, March 29th, 2024

13 साल के बच्चे ने पिता की तकलीफ देख खड़ी कर दी कंपनी, 100 करोड़ कमाने का है लक्ष्य

एक माता-पिता अपने छोटे बच्चों का पेट पालने के लिए किसी भी हद्द तक जा सकते है। खुद भले भूखे रह लेंगे पर बच्चे का पालन-पोषण में लग जाते हैं. इंसान हो या कोई जानवर बात अगर अपने बच्चे की होती है तो कोई मुश्किल उठाने को तैयार रहते है उसके माता-पिता. ऐसे में हम अगर कुछ भी अपने माता-पिता के लिए करें तो वो बहुत ही कम होगा, लेकिन कोशिश जरूर करनी चाहिए और ऐसी ही एक कोशिश तिलक मेहता ने की. जब पिता डब्बे देकर घर लौटते तो बच्चे को उनकी ये हालत देखी नहीं जाती और इसे बदलने की राह पर चल पड़ा 13 साल का तिलक मेहता।

परेशान पिता को देख मदद करने की ठानी

तिलक मेहता मुंबई में रहते है और उनकी उम्र सिर्फ 13 साल की है. इनकी कहानी किसी के लिए भी बहुत प्रेरणादायक साबित हो सकती है। 8वीं का छात्र तिलक हर रोज अपने पिता को काम से थक हारकर घर आते हुए देखता था और उसे यह बात परेशान कर देती थी कि वो अपने पिता की कोई मदद नहीं कर पा रहा है। बस फिर क्या था उसने अपने पिता की मदद करने की ठानी और एक स्टार्टअप पेपर्स एंड पार्सल्स (पीएनपी) नाम से लॉजिस्टिक्स कंपनी खोल दी।

100 करोड़ रूपये कमाने का है लक्ष्य

तिलक मेहता का लक्ष्य छोटा मोटा नहीं है. जिस उम्र में बच्चे स्कूल में सिर्फ खेल कूद और पढाई कर रहे होते है वही तिलक साल 2020 तक 100 Crore रूपये कमा लेना है। साथ ही लॉजिस्टिक्स के बाजार में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 20 फीसदी हो जाए और बिज़नेस भी बड़ा हो जाए.

तिलक ने स्टार्टअप शुरू करने का ये आइडिया एक बैंक अधिकारी घनश्याम पारेख को बताया तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ तिलक के साथ ही जुड़ गए और कंपनी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर काम करने लगे.

200 से ज्यादा कर्मचारी करते है काम

फिलहाल तिलक की कंपनी में 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं साथ ही 300 से ज्यादा डिब्बावाले भी जुड़ चुके हैं। डिब्बावालों की मदद से कंपनी हर होज 1200 से ज्यादा पार्सल डिलीवर कर रही है। पीएनपी फिलहाल अधिकतम 3 किलो तक के ही पार्सल स्वीकार कर रही है जिसका शुल्क 40 से 180 रुपये तक होता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *